जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में मतदाता सूची के सघन सत्यापन व पुनरीक्षण के लिए चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे अभियान पर सवाल उठा रहे राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग ने सोमवार को जवाब दिया।
आयोग ने कहा कि यह सत्यापन इसलिए किया जा रहा है ताकि योग्य नागरिकों को ही मतदाता सूची में जगह मिले। पुनरीक्षण व सत्यापन एक सतत प्रक्रिया है। यह पिछले 75 वर्षों से होता आ रहा है, इसमें कोई नई बात नहीं है। इससे पहले बिहार में मतदाता सूची का सत्यापन 2003 में किया गया था।
आयोग ने सत्यापन व पुनरीक्षण का यह अभियान तब शुरू किया है, जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर उस पर गंभीर आरोप लग रहे थे।







